जिन्दगी सीखने की ही कला है। जिसको सीखना आ गया मानो उसको जीने का सलीका आ गया है। ये सच है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। मेरा तो यहां तक मानना है कि जिस दिन से व्यक्ति ने सीखना बंद कर दिया, उस दिन से उसने खुद के अंदर घमण्ड का बीज अंकुरित कर लिया। सीखना एक जुनून है, एक अच्छी आदत है। आप सीखते जाएंगे और चीज़ें ख़ुद-ब-ख़ुद आपके पक्ष में होती नज़र आने लगेंगी। वो कहते हैं न नज़र बदलो नज़ारे बदल जाएंगे। कुछ दिल के अल्फ़ाज़ जीत की कलम से –
सीखा मैंने
इस दुनिया से दूसरों के लिए करके किसी से कोई उम्मीद न करना
इस इंसानियत से दूसरों की मदद करके किसी से कोई आस न करना
सीखा मैंने
इस समाज से दूसरों की तारीफ़ सुनके किसी से कोई घमंड न करना
इस जीवन से अपनी गलतियों को दूर करके फिर से उसे न दोहराना
सीखा मैंने
इस जल से चुपचाप बह करके किसी से कोई शिकायत न करना
इस अनुभव से कुछ कर गुजर के LKK में ध्यान न देना
[…] सीखा मैंने […]